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जून, 2009 की पोस्ट दिखाई जा रही हैं

कुछ अनोखा, कुछ रोमांचक...

भारत मेरा देश, प्यारा विविधता से भरा, विशिष्ट प्रजातियों का घर, जिन पर दुनिया भर की नज़रें रहती है. उनमे से एक प्रजाति है बड़ी और पट्टेदार बिल्ली की, जिसे हम सिंह (TIGER) कहते हैं. आज इनकी संख्या लगातार कम हो रही है. आज हमारे छत्तीसगढ़ मे, ये कितनी संख्या मे हैं ये वृहद चर्चा और विवाद का विषय है. पर हमसे कुछ हज़ार किलोमीटर दूर थाईलैंड मे जहाँ सिंह का मांस पौरुषवर्धक माना जाता है वहां एक मठ मे इस बड़ी बिल्ली की संख्या और आचार विचार को देख कर मैं भौचक रह गया. इस शानदार और गर्वीले जानवर को देख कर हर ताकतवर व्यक्ति इसको पालतू बनाना चाहता है, या इससे दोस्ती करने की तमन्ना रखता है. खुले जंगल मे इस बड़ी बिल्ली को देखना एक रोमांचक अनुभव होता है. बैंकॉक के नज़दीक Wat Pa Luangta Bua Yanasampanno Forest Monastery, जो Saiyok डिस्ट्रिक्ट, Kanchanaburi Province मे है. एक शानदार बौध मठ है. जहाँ इन बड़ी बिल्लिओं को देखना और इनके साथ खेलना बच्चों का काम है. इस मठ को १९९९ मे ग्रामीणों ने शिकारिओं द्वारा एक घायल सिंह शावक प्रदान किया, जो कुछ समय बाद ईश्वर को प्यारा हो गया, इसके बाद घायल शावकों को मठ मे

कुछ शेर कुछ गज़ले...

कुछ शेर और गज़ले जो मुझे पसंद हैं... शायद आप को भी पसंद आयें... दुनिया जिसे कहते हैं जादू का खिलौना है, मिल जाये तों मिटटी है खो जाये तों सोना है, अच्छासा कोई मौसम तनहा सा कोई आलम, हर वक़्त का रोना तों बेकार का रोना है, बरसात का बादल तों दीवाना है क्या जाने, किस राह से बचना है किस छत को भिगोना है, गम हो के ख़ुशी दोनों कुछ देर के साथी हैं, फिर रस्ता ही रस्ता है न हँसना है न रोना है, दुनिया जिसे कहते हैं जादू का खिलौना है, ---0--- जबसे हम तबाह हो गए, तुम जहाँपनाह हो गए II हुस्न पर निखार आ गया, आईने स्याह हो गए II आँधियों की कुछ खता नहीं, हम ही दर्द -ऐ- राह हो गए II दुश्मनों को चिट्ठियाँ लिखो, दोस्त खैर ख्वाह हो गए II जबसे हम तबाह हो गए, तुम जहाँपनाह हो गए II ---0--- हुज़ूर आपका भी एहतराम करता चलूँ, इधर से गुज़ारा था सोचा सलाम करता चलूँ, निगाहों दिल की यही आख़िरी तमन्ना है, तुम्हारी जुल्फ के साये मे शाम करता चलूँ, उन्हें ये जिद कि मुझे देख कर किसी को न देख, मेरा ये शौक कि सबसे कलाम करता चलूँ, ये मेरे ख्वाबों की दुनिया नहीं सही लेकिन, अब आ गया हूँ दो