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कनफ्यूज़न और कांग्रेस

हिन्दुस्तान की आजादी की लडाई का जिनने नेतृत्व किया वे सभी नेता उच्च वर्ग से थे.  कोई पी सी एस था को बड़े व्यापारी का पुत्र था कोई वकील था और कोई वजीर का बेटा लगभग सभी उच्च जातियों के शहरी लोग थे !!  इन्होने गरीब, कुचले हुए ग्रामीणों को एकत्र कर के ४ दशक संघर्ष किया और आज़ादी हासिल की !! कहने का आशय यह है की सुधार या परिवर्तन एक सतत प्रक्रिया है जो ऊपर से शुरू होकर नीचे जाती है !! कोई भी परिवर्तन एक ही दिन में नहीं होता, चाहे वो छोटी सी संस्था हो, राजनैतिक पार्टी हो या देश !! सम्पूर्ण परिवर्तन जिसे हम आमूलचूल परिवर्तन कहते है ; ये एक स्वप्न जैसा है जो असंभव के काफी करीब है.  परिवर्तन तब ग्राह्य है जब मिसाल पेश की जाये; जब आदर्श सामने रखे जायें !! मोदी के पास एक मिसाल है "गुजरात विकास" की, छवि है एक निर्भीक नेता की, हो सकता है ये सब झूठ हो भ्रम हो पर कुछ है तो सही !!  कांग्रेस के पास क्या है ; एक नेता जिसको एक मेंटर की जरूरत है, जिसके पास दिखाने को अपनी एक भी उपलब्धि नहीं !! रायबरेली और अमेठी से लेकर लखनऊ इलाहाबाद तक में पार्टी हारी ; बिहार