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जुलाई, 2012 की पोस्ट दिखाई जा रही हैं

कांग्रेस : कुतर्कों का महिमा मंडन

कांग्रेस : कुतर्कों का महिमा मंडन  कुछ प्रश्न उमड़ घुमड़ के मन में धमाचौकड़ी मचाये हुए थे. और जिज्ञासा को शांत करना मनुष्य की स्वाभाविक प्रकृति है. बहुत सारे राजनैतिक, पत्रकार और पदाधिकारी मित्रों से मैंने ये कुप्रश्न किये, पेश है उनकी एक बानगी. प्रश्न१- कांग्रेस देश की सबसे बड़ी और पूरे देश में जनाधार रखने वाली पार्टी है,  फिर सरकार बनाने में इतनी दिक्कत क्यों? उत्तर - ये आपस में लड़ना तो बंद करें. प्रश्न१-अ : बीजेपी में भी तो गुटीय संघर्ष है ? उत्तर - कम है इतना नहीं है, संघ और बीजेपी के बड़े नेता इस पर नियंत्रण रखते हैं. प्रश्न१ -ब : कांग्रेस में तो बीजेपी से बड़े और ज्यादा चमक वाले नेता हैं जो ज्यादा सक्षम हैं ? उत्तर - हैं तो !! पर मुद्दे कहाँ हैं, विचार धारा कहाँ है ? प्रश्न१-स- वाह भाई वाह, धर्मनिर्पेक्षता और कांग्रेस का इतिहास ? उत्तर- इतिहास सुनना कौन चाहता है ? आप सुनेंगे क्या निजाम हैदराबाद के वंशजो से या महाराणा प्रताप के वंशजो से, उनके पूर्वजों की कहानी ? वाजिद अली शाह के वंशज से फ़ोन पर बात कराऊँ? मैं बोला : न बाबा न मुझे ...

गुरु

जी हाँ हम सभी के जीवन में हर जगह, किसी न किसी रूप में पूजनीय और प्रेरणादायी ब्यक्तित्व "गुरु" के रूप में उपलब्ध होते ही है जो जीवन में हमेशा एक नयी उर्जा का संचार कर आगे बढ़ने की प्रेरणा देते है I ऐसे महान व्यक्तित्वों का दिन तो हर रोज ही है! नमन उन सभी ब्याक्तित्वों को जिन्होंने हमें इस धरती पर चलना, बोलना, पढना, सोचना और समझना सिखाया क्योंकि आज हम जहाँ भी है जैसे भी है उनके बदौलत ही तो है! दरअसल गुरु को अनेको उपाधियाँ इसी लिए तो दी गयी है क्योंकि मानव के जीवन में गुरु की भूमिका बहुत ही महत्वपूर्ण होती है I हकीकत में गुरु के मार्गदर्शन से ही कम समय में व्यक्ति अपनी मनोकामनाएं पूरी कर लेता है I गुरु का दायरा सिर्फ स्कूली दिनों में शिक्षा देने तक ही सीमित  नहीं बल्कि काफी विस्तृत होता हैI जो अनेको रूपों में जीवन भर साथ देता है! जहाँ एक माँ भी गुरु ही होती है जो अपने बच्चे को ऊँगली पकड़ कर पहला कदम धरती पर रखना सिखाती है I वहीँ उन अनेको रिश्तों एवं सामाजिक सरोकारों को भी गुरु के नजरिये से देखा जाता है, जो समय समय पर इन्सान को मार्गदर्शन देने और ...