मेरे मित्र लगातार ऑरकुट और निजी चर्चाओं में प्रश्न करते रहें है कि आज के दौर में बा सा पा का भविष्य क्या है ? छत्तीसगढ़ के आने वाले चुनाव में बा सा पा का क्या योगदान रहेगा? कांसी राम जी के बाद मायावती बहन का क्या भविष्य होगा? क्या बा सा पा कांग्रेस को नुकसान पहुँचायेगी ? मैं भी इस विषय पर काफी समय से लिखना चाह रहा हूँ........ आज के परिद्रश्य में बा सा पा के वैचारिक स्तर में काफी सुधार हुआ है. पार्टी जातिगत विद्वेष से ऊपर उठ कर सामाजिक और राष्ट्रीय सौहद्रता कि बात कर रही है. कुछ समय पूर्व तक तिलक तराजू और तलवार. इनको मरो जूते चार. कि विचार धारा वाली मायावती अब ब्राह्मण. बनिया और ठाकुरों को अच्छे पदों पर बैठा रही है, उनका सम्मान कर रही है. बा सा पा पर कभी भी धार्मिक उन्माद फैलाने का आरोप नहीं लगा न ही मुस्लिम तुष्टिकरण और धर्म परिवर्तन का ही आरोप लगा है. बहुजन समाज पार्टी पर सिर्फ १ आरोप लगता था कि पार्टी जातिगत वैमनस्यता फैलाती है जो अब अपरिहार्य है ...... आज के परिपेक्ष्य में देखा जाय तो बा सा पा एक मात्र ऐसी पार्टी दिखती है जो पूर्णतः धर्म निर्पेक्ष्य, सामाजिक, धार्मिक...