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कांग्रेस और गाँधीयो के भय

31 मई 2016 की फेसबुक पोस्ट... कांग्रेस पर यह लेख मेरे स्वयं के विचार हैं और हर उस व्यक्ति, संस्था, संगठन एवं कंपनी को मैं इसे शेयर करने व छापने का अधिकार इस बाध्यता के साथ देता हूँ कि  वे इस लेख की आत्मा के साथ खिलवाड़ नहीं करेंगे !! अवस्थी सचिन ----------------------------- कांग्रेस भारत का सबसे पुराना राजनैतिक दल है ; वह दल जिसके सबसे बड़े नेता मोहनदास करमचंद गांधी को भी उनके जीवित रहते उनके ही साथीयो ने चुनौती दी और गांधी ने उस चुनौती को खुले दिल से स्वीकार किया और नेताजी ने जिस चुनाव में गांधी के प्रत्याशी को पूर्ण बहुमत से हराया उस चुनाव को जीतने के बाद भी गांधी को दुखी देखकर नेता जी ने गांधी के चरणों में अपनी जीत की माला डाल दी थी ! जबकि वे पूर्ण बहुमत से चुने हुए अध्यक्ष थे !! आज वही कांग्रेस राष्ट्रीय अध्यक्ष का तो छोड़ दें प्रदेश और जिला अध्यक्ष का निष्पक्ष चुनाव नहीं करवा पा रही ! क्या हो गया है कांग्रेस को ? नेहरु के सामने उनकी पार्टी में ही कई चुनौतियां आईं और वे हर बार उस चुनौतियों से लडे और जीते ! नेहरू के बाद इंदिरा ने काफी कमज़ोर शुरुवात की और इंदिरा ने उस मुकाम को

यह #MODIfiedIndia नहीं है।

#हथौड़ा_पोस्ट 24 तारीख से देख रहा हूँ प्रबुद्ध और स्थापित लोग लिख रहे है, यह मोदी का इंडिया है, मोदी ने भारत को बदल के रख दिया और ब्लॉ ब्लॉ ब्लॉ 😂 असल मे किसी भी चीज़ को देखने के 3 तरीके हैं। 1- अपने फायदे की नज़र से 2- दूसरे के फायदे की नज़र से 3- निष्पक्ष नज़र से अधिकतर लोग तीसरे तरीके तक पहुंच ही नहीं पाते। यह मोदी का भारत नही न ही यह #MODIfiedIndia है, यह वही पुराना चाणक्य, राम, पोरस, विक्रमादित्य, महाराणा और शिवाजी का भारत है। संविधान के आगमन से इसमे कुछ फर्क आये थे, जो अब सुधर रहे हैं। नेहरू के आगमन के बाद प्रधानमंत्री के स्वार्थ, देश और प्रजा से बड़े हो गए थे। #प्रधानमंत्री को राजा के समान अधिकार  नही थे और वह खुद को प्रजा का सेवक मानना नही चाहता था। 5 साल के लिए आने वाला राजा पहले खुद का घर भरना चाहता था। बस इसीलिए शुरू हुई यह लूट और स्वार्थ की होड़। 4 अंग्रेज़ी अखबार जो लिखते थे वह दिन दो दिन बाद पूरे देश मे छपता था, और देश उसे ही सही मानता था। और उन अखवारों के खबर नवीसों को जनता हरिश्चंद्र का अवतार मानती थी। अब #सोशल_मीडिया है, जो खबर छपने से पहले ही दिखा देता है,