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हम बेवकूफो को आदर्श नहीं मान सकते पर हम बेवकूफ हैं; 🤣

चलिए आध्यात्म, मानवीयता और भारतीयता पर लौटें ।
"हम बेवकूफो को आदर्श नहीं मान सकते और हमें कोई स्वार्थी कहे ऐसी किसमें मजाल है? "
यही भारतीय सिविलाइजेशन का मूल है, #छुट्टन_गुरु

#लल्लन_महाराज - कैसे ?🙄
मै -
कुछ चीज़े हैं ; जो भारतीय समाज को पश्चिमी समाज से अलग करती हैं !
१- आदर्शवाद
२- त्याग
३- निस्वार्थ कर्म
४- सहिष्णुता
पंगा इन्ही चीज़ों में फंसता है ; आज पश्चिमी या अभारतीय दर्शन कहता है ; कि आदर्शवाद जब जरूरी है जब हमें फायदा हो ;
जीवन सिर्फ निजी फायदे के लिए है , अगर फायदा नही तो मतलब क्या ?
लाभ ही तो सब कुछ है, BY HOOK OR CROOK...

यही सोच संकुचित हो कर "मैं" में सिमट चली है और उतरोतर अहंकारी होती जाती है !!
और भारतीय दर्शन कहता है कि अहंकार तो रावण का भी न चला...
हम कहने लगे हैं -
आदर्शवाद बढ़िया है पर दूसरों के लिए !!
जब हमारी बात आती है तो कोई रास्ता बहाना खोज लिया जाता है, कि हम उससे बच सके।
त्याग दूसरे करें हम तो अधिकार के लिए लड़ेंगे।
#छुट्टन_गुरु : हम निस्वार्थ क्यों हो ?
निस्वार्थ कर्म : ये क्या होता है ? चाणक्य ने कहा था कि बिना लाभ के कोई काम नहीं करता, जो करता है वो मूर्ख है और अलाभकारी है, बेवकूफ है !! 😂😂😂
#मैं - यहाँ भी सुविधा ही देखी तुमने #छुट्टन। 😂😂😂
भाई ये भी तो सोच सकते हो कि चाणक्य को  क्या लाभ था?
उसने विष्णुगुप्त को गद्दी दी सम्राट बनाया और खुद झोपड़ी में रहा ; क्यों ?
विष्णुगुप्त रेशम, स्वर्णाभूषण पहनता था, विलास करता था,
और चाणक्य सूत पहनता था और मूँज पे सोता था। यही तो #ब्राह्मणत्व था...
#लल्लन_महाराज 😏 उफ्फ अच्छा बताओ सहिष्णुता क्या होती है?
क्या यह बेवकूफी नहीं है, ये कायरता नही है ; ताकतवर बनो ; निष्ठुर बनो तभी राज करोगे - सत्ता बन्दूक की नाल से निकलती है !!
मुगलों से लेकर अंग्रेज़ों ने सत्ता को तोप की नाल से निकाला है !!
#मैं : हम्म
कभी कभी ये बातें आकर्षित करती हैं क्योंकि ये शॉर्टकट्स हैं ; परपीड़ा हमेशा आनंदायी होती है !!
आत्म पीड़ा, आत्मावलोकन  दुःख देता है और पश्चिमी समाज सुविधा भोगी है !!

वहीँ भारतीय समाज का अध्यात्म है - जिससे आप सहिष्णुता, त्याग और निस्वार्थ कर्म पर किसी से भी निम्नलिखित प्रश्न करो और उसके उत्तर आपको हर व्यक्ति यही देगा जो नीचे दिए हैं-
प्रश्न भी सुन लो...
१- आज तक सबसे अच्छा राजनीतिज्ञ कौन हुआ ?
वो कहेगा चाणक्य।
२- आप फिर पूछो इतिहास में सबसे अच्छा राजा कौन हुआ ?
वो कहेगा राम।
३- सबसे  ताकतवर राजा कौन था ?
वो बोलेगा अशोक ?
४- सबसे अच्छा राजा कौन ?
हरिश्चन्द 
५- सबसे बड़ा जनांदोलन ?
स्वतंत्रता संग्राम।
६- सबसे बड़ा आंदोलनकारी ?
गांधी।
७- सबसे अच्छा प्रधानमंत्री ?
शास्त्री।
८- सबसे अच्छा राष्ट्रपति ?
कलाम।

इन ८ लोगो में समानता क्या है ?
वही चार बातें जो मैंने ऊपर लिखी हैं !!
१- आदर्शवाद
२- त्याग
३- निस्वार्थ कर्म
४- सहिष्णुता
पर इन ४ बातों को तो हम बेवकूफी मानते हैं ; और इन बातों पर चलने वाले हमारे आदर्श हैं ; ऐसा क्यों ?
क्या हम दिग्भ्रमित नहीं हैं?
हम बेवकूफो को आदर्श नहीं मान सकते और हमें कोई बेवकूफ कहे ऐसी किसमें मजाल है ?
हम होशियार हैं और लगातार ज्यादा होशियार बनने की जुगत में हैं !!

पर अपनी भारतीयता और अपना दर्शन छोड़कर क्या हम महान हो सकते हैं ?
विचारो #लल्लन_महाराज #विचारो

हम लोगों को समझ सको तो समझो दिलबर जानी.......... 🤣🤣🤣
#हथौड़ा_पोस्ट
#स्वामी_सच्चिदानंदन_जी_महाराज
और हम चल दिये 😊

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