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प्रश्नवाचक ऑंखें....

प्रश्न एक बुरी चीज़ जिसको कोई पसंद नहीं करता पर बिना प्रश्न किये जी भी नहीं सकता...
जीवन की धुरी है प्रश्न, जिसको इससे प्यार हो वही सफल होता है.
सफलता सभी पसंद करते हैं पर प्रश्न कोई पसंद नहीं करता सभी उससे बचना चाहते हैं.
प्राथमिक कक्षा के बच्चे से पूंछे या कोलेज मे पड़ने वाले से सभी प्रश्नों से बचना चाहते हैं.
पांचवीं मे उत्तर पुस्तिका मे प्रश्नों के जवाब देकर ही विद्यार्थी पांचवीं पास होता है.
और यू पी एस सी से आई ऐ एस बनता है.
पर जब आँखे प्रश्न करती हैं तों उत्तर देने वाला परेशां हो जाता है. जीवन मे आँखों का अपना महत्त्व है, सबसे ज्यादा प्रश्न यही करती हैं और जिससे ये प्रश्न करती हैं उसे बहुत परेशान करती हैं.
आँखे क्या पूछ रहीं है इससे ज्यादा महत्वपूर्ण है ये क्या जानना चाहती हैं या क्या कह रहीं हैं ?
हमारे चक्षु ही हमारे व्यक्तित्व की पहचान कराते है।
ध्यान रखे ये कहीं गलत संदेश तो नहीं दे रहे।
#स्वामी_सच्चिदानंदन_जी_महाराज

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