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दिसंबर, 2018 की पोस्ट दिखाई जा रही हैं

संविधान और धर्म 🙏

चलो राजनीति से समाज शास्त्र पर आते है ।। हम बदल क्यों रहे है? प्रश्न अति महत्वपूर्ण है। 1 पीढ़ी पहले तक- जब विश्वविद्यालय में झगड़ा होता था तो कोई लड़का दूसरे को कहता था, भाई मेरी 1 ...

तीन राज्यों की हार और भाजपा

@amitshah कहते हैं कि अगला चुनाव हम युद्ध की तरह लडेंगे। जबकि 11 दिसम्बर के पहले मोटा भाई विरोधीयों को कुछ मानने ही तैयार न थे? प्रश्न यह कभी न था कि अटल सरकार भ्रष्ट थी, न ही यह प्रश्न आज उठता है कि मोदी सरकार भ्रष्ट है। प्रश्न सिर्फ यह है कि आप डरते हो और जनता को मूर्ख समझते हो। 1- आपको चुनाव में हारने का डर है इसलिए संघ की विचारधारा को किनारे कर देते हो, जबकि आप जानते हो कि इसी विचारधारा ने आपकी सरकार बनवाई है। 2- आप पूर्ण बहुमत की सरकार चलाते हुए भी डरते हो, राम मंदिर धारा 370 पर बिल लाने से डरते हो। 3- आपको अपने वोटर के स्वार्थ की चिंता नही है आप उन्हें "taken for granted" लेते हो, आप दूसरों के वोटर झपटने के लिए लालची हो। 4- आप इतिहास से कुछ नहीं सीखना चाहते, क्या जनसंघ से लेकर अटल सरकार तक आपने हर हार का विवेचन नहीं किया है? 5- क्या शाहबानो से लेकर राम भक्तो पर गोली चलाने तक के एपिसोड पर आपकी पार्टी के स्टैंड आपको नहीं मालूम हैं? 6- क्या वी पी सिंह की पार्टी और खुद VP के हाल आपसे छुपे हैं? 7- क्या आप समझते हैं कि सोशल मीडिया के इस जमाने मे आपको आपके विरोधी छोड़ दें...

हम बेवकूफो को आदर्श नहीं मान सकते पर हम बेवकूफ हैं; 🤣

चलिए आध्यात्म, मानवीयता और भारतीयता पर लौटें । "हम बेवकूफो को आदर्श नहीं मान सकते और हमें कोई स्वार्थी कहे ऐसी किसमें मजाल है? " यही भारतीय सिविलाइजेशन का मूल है, #छुट्टन_गुरु #लल्लन_महाराज - कैसे ?🙄 मै - कुछ चीज़े हैं ; जो भारतीय समाज को पश्चिमी समाज से अलग करती हैं ! १- आदर्शवाद २- त्याग ३- निस्वार्थ कर्म ४- सहिष्णुता पंगा इन्ही चीज़ों में फंसता है ; आज पश्चिमी या अभारतीय दर्शन कहता है ; कि आदर्शवाद जब जरूरी है जब हमें फायदा हो ; जीवन सिर्फ निजी फायदे के लिए है , अगर फायदा नही तो मतलब क्या ? लाभ ही तो सब कुछ है, BY HOOK OR CROOK... यही सोच संकुचित हो कर "मैं" में सिमट चली है और उतरोतर अहंकारी होती जाती है !! और भारतीय दर्शन कहता है कि अहंकार तो रावण का भी न चला... हम कहने लगे हैं - आदर्शवाद बढ़िया है पर दूसरों के लिए !! जब हमारी बात आती है तो कोई रास्ता बहाना खोज लिया जाता है, कि हम उससे बच सके। त्याग दूसरे करें हम तो अधिकार के लिए लड़ेंगे। #छुट्टन_गुरु : हम निस्वार्थ क्यों हो ? निस्वार्थ कर्म : ये क्या होता है ? चाणक्य ने कहा था कि बिना ला...

भारतीयता और पश्चिम...

हिन्दोस्तान की जिसे समझ है, वह जानता है कि इस देश ने अंगुलिमाल को सन्त स्वीकारा है, रावण को हम हर वर्ष जलाते हैं पर उसे प्रकांड पण्डित भी मानते है और रावण रचित शिव तांडव स्त्र...

राजनीति और आदर्शों का घालमेल

#मोदी_शाह_और_आरएसएस 2 साल पुरानी पोस्ट .... 1- राजनीति में कभी कुछ भी सही तरीके से किया ही नही जा सकता । आदर्शवादी तरीके से राजनीति असम्भव है। विरोधी को छकाना, भ्रमित करना और उसे वस...

सोशल मीडिया और पुरानी सोच...

#सोशल_मीडिया बुजुर्ग सोच के लोग जिन्हें लगता है कि सोशल मीडिया खेल है कुछ गलत लिख भी दिया तो जनता कुछ समय में भूल जाएगी ऐसे लोगों का अवसान तय है, लालू परिवार उनमे से 1 है। मुलाय...