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स्वास्थ्य जागरुकता हेतु
#रुट_कैनाल - #लालच या #अयोग्यता ?…
स्वस्थ रहने के डर को कैसे एक लालची या अयोग्य Dr आपके दोहन का साधन बनाता है इसका अप्रतिम उदाहरण है यह केस।
मेरे दांत की ठनक का निदान डॉ प्रथमेश राय के मुताबिक सिर्फ रुट कनाल था, और डॉक्टर प्रथमेश का कहना था कि वे अकेले ही हैं जो शहर में एकमात्र दंत चिकित्सक हैं जो सर्वश्रेष्ठ #TOOTH_RESTORATION करते हैं, वे ही हैं जो शहर के आधा दर्जन स्थापित दंतचिकित्सको के क्लीनिको में दंतपुनर्निर्माण के लिए बुलाये जाते हैं।
विश्वास ही तो मजबूरी है मरीज की, डॉ उसके लिए भगवान होता है।
बात तय हुई कि दांत का #रुट_कैनाल करवाना है और 3000₹ डॉ के कर्मकांड (प्रोसीजर) की फीस तय हुयी और 1 सिटिंग में दांत फिक्स करने का वादा हुआ।
पर लगी 3 सिटिंग और मिला ढेरो दर्द और खोखला दांत। 😂
डॉक्टर प्रथमेश अपनी सर्जरी कर चुके थे।
और कैपिंग के बाद उसी दाँत में दर्द की बेइंतिहा लहर ने रातो की नींद उड़ा दी।
मैं डॉ प्रथमेश से मिला तो उन्होंने कहा #CBCT (Dental Cone Beam CT) कराएं, CBCT भी कराई गई, (चित्र नीचे है)
पता चला डॉ रूपी भगवान ने रुट में डाली जाने वाली #गटापारचा कुछ मिलीमीटर ज्यादा अंदर घुसेड दी है, कुछ इस तरह ड्रिल चलाया कि
दाढ़ का बेस हिल गया है, उन्होंने दांत भयंकर रूप से बुरी अवस्था मे ला दिया गया है।
अब शुरू हुआ असली खेल- दांत को पोला करके छोड़ दिया गया, कहा गया कुछ दिन रुक जाइये फिर कैपिंग करेंगे।
अब शुरू हुआ एक नया दर्द कि अगर उस खोखले दांत के नीचे कुछ कड़ा आया तो दांत टूट जाएगा (दांत खोखला छोड़ा गया था), अतः मैं लिक्विड डाइट पर आ गया और जबड़े के उस तरफ से भोजन करना बंद कर दिया, जिस तरफ डॉ प्रथमेश ने दंतचिकित्सा में मास्टर्स डिग्री लेकर आधिकारिक रूप से बैंड बजाकर ज्यादा लम्बी गटापार्चा डाली गई थी।
6 महीने बिना क्रिस्पी क्रंची भोजन के यह #भोजन_प्रेमी_ब्राह्मण रोज़ इसे अपने किसी पूर्व पाप का कारण मानता रहा और ईश्वर से प्रार्थना करता की उसका दांत शीघ्र ठीक हो।
कल शाम को डॉ प्रथमेश ने हाँथ खड़े कर दिए और कहा कि अब दाढ़ उखाड़ी जाएगी और नया परमानेंट फिक्स दांत लगेगा खर्च होगा 36000 ₹ मात्र।
तो मैंने पूछ लिया कि मैं दांत की सेंसिटिविटी ठीक करवाने आपके पास आया था न कि दांत बदलवाने।
इस दाँत को ख़राब करने का श्रेय मैं किसे दूँ?
तो धरती के ये चिकित्सकीय भगवान हत्थे से उखड़ गए, कहने लगे अब दांत खराब हो गया है सुधरवाना हो तो पैसे जमा करो अन्यथा #खोखला दांत लेकर घूमो।
अब यह स्वाद प्रेमी ब्राह्मण करे तो करे क्या?
तो मैंने रिसर्च की, विश्वस्त सूत्रों, कुछ मित्र और परिवार के दंत चिकित्सको से बात की तो निष्कर्ष निकला कि यह जो हुआ है इसके कारण सिर्फ 2 हो सकते हैं।
1- डॉक्टर का लालच और उसकी यह समझ कि अपने स्वास्थ्य और स्वाद के प्रति चिंतित मरीज को और दुहा और लूटा जा सकता है।
2- डॉक्टर की अयोग्यता।
रुट कनाल के समय हर डॉ एक्स रे कर यह देखता है कि गटा पारचा कितना अंदर गया है पर इन्होंने यह नही देखा और यदि देखा था तो तुरंत सुधार क्यों नहीं किया। (क्या नम्बर 1 इसका कारण था)
क्या प्रथमेश की योग्यता/ समझ/ बुद्धि में कोई कमी थी जो बेसिक प्रोसीजर के तरीक़े को ही वे भूल गए?
इस पोस्ट/मेसेज को लिखने का कारण यह है कि मेरे सभी चिकित्सक मित्र इस पर सलाह दे और मरीज सतर्क रहें कि रुट कैनाल के बाद और पहले डॉ तुरंत एक्स रे करे।
डॉक्टर मित्र यह भी बताएँ कि यह डॉक्टर प्रथमेश की अयोग्यता थी या लालच?
नोट : लापरवाह या गलती करने वाले डॉक्टर को क़ानून अपराधी मानता है।
सबसे महत्वपूर्ण : आपसे निवेदन है की इस पोस्ट को आप स्वास्थ्य जागरुकता अभियान के तहत शेयर करें!
#Dr. #Prathmesh #Rai #अरुणोदय #डेंटल #क्लीनिक Opposite Commercial Auto, Besides Shastri Bridge., Jabalpur/ स्पेशलिस्ट डेंटल हब Madan Mahal Station Road, Wright Town., Jabalpur
कमर्शियल ऑटोमोबाइल के सामने शास्त्री ब्रिज
The narrative of entrepreneurial success has long been dominated by the image of the solitary innovator, the corporate titan forging an empire from sheer will and ingenuity. This "individual entrepreneurship" model, while undeniably powerful, has also contributed to a landscape of economic disparity and environmental strain. However, a quiet revolution is underway, a resurgence of collective entrepreneurship, embodied by cooperative models, that offers a compelling alternative for the 21st century. We've become accustomed to celebrating the titans of industry, the visionaries who build vast corporations, generating wealth and, ostensibly, jobs. Governments and systems often glorify these figures, their achievements held up as the pinnacle of economic success. Yet, a closer examination reveals a complex reality. The industrialization that fueled the rise of corporate entrepreneurship has also created a system where a select few can amass immense wealth by harne...
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