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नेतागिरी : एक कठिन पेशा

नेता और नेतागिरी बड़ी कठिन चीज है।
यहां आपको ऐसी समझ चाहिए जो -
1- रॉकेट वैज्ञानिक की बात भी समझ सके और अनपढ़ की भी।
2- आप धनिक वर्ग को भी समझ सकें और निर्धन को भी।
3- आप क्षेत्र, राज्य और राष्ट्र की आवश्यकताओं को अलग अलग कर के देख सकें।
4- आपका सहृदय होना भी उतना ही जरूरी है जितना कुटिल होना।
5- आपको ए सी में भी आनंद आना चाहिए और गर्मी की चिलचिलाती धूप में भी।
6- जीत की खुशी और हार के गम से आपको निर्पेक्षय होना चाहिए।
7- घर और समाज दोनों की समान रूप से जिम्मेदारी उठाना आपका फ़र्ज़ है।
8- वंचित वर्ग और समर्थ वर्ग से आपको समान प्रेम होना चहियर।
मतबल : नेता को निरपेक्ष होना ही पड़ेगा अन्यथा उसे नेपथ्य में जाने में देर नही लगेगी।

#स्वामी_सच्चिदानंदन_जी_महाराज

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