इन पर ध्यान दें : 👇
नमस्ते
छुआछूत
सोला
वानप्रस्थ
सूतक
दाह संस्कार
शाकाहार
समुद्र पार न करना
विदेश यात्रा के बाद पूरा एक चन्द्र पक्ष गांव से बाहर रहना
घर मे आने से पहले हाँथ पैर धोना
बाथरूम और टॉयलेट घर के बाहर बनवाना
वैदिक स्नान की विधि और इसे कब कब करने है यह परंपरा
ध्यान दें, हमारे ईश्वर के स्वास्थ्य खराब होने पर उनकी परिचर्या
#यह वे चीज़े हैं जो मुझे याद आ रहीं हैं।
आप बुजुर्गो से पूछेंगे तो और भी चीजे आपको मिलेंगी।
यह हम भूल चुके हैं क्योंकि एन्टी बायोटिक, साबुन, और सेनिटाइजर बाजार में आ गए और औद्योगिक क्रांति को मानवीय संसाधनों की जरूरत थी।
आज हमें फिर वही परम्पराए नाम बदल बदल कर याद दिलाई जा रहीं है।
#सोशल_डिस्टेंसिंग #क्लींलिनेस बुजुर्गो की कम इम्युनिटी आदि आदि।
वानप्रस्थ आश्रम का उद्देश्य ही यह था कि वायरस बुजुर्गो पर जल्द प्रश्रय पा जाता है, फिर मजबूत होकर जवानों पर हमला करता है, इसलिए कमजोर इम्युनिटी के लोगो को वन भेज दिया जाता था।।
निष्कर्ष :
आना दुनिया को वहीं है जहां से हम चले थे।
यही सनातन है।
यह प्रकृति का संविधान है।
#स्वामी_सच्चिदानंदन_जी_महाराज
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