सीधे मुख्य सामग्री पर जाएं

भारतीय एवं पश्चिमी दर्शन का फर्क

#साइको_एनालिसिस ( #PsychoAnalysis) #मनोविश्लेषण  Vs #साइको_सिंथेसिस ( #PsychoSynthesis ) #मनो_संश्लेषण
जो मैने जाना और समझा 🙏
साइको एनालिसिस को अगर मूल से समझना है तो पश्चिमी कार्य पद्धति को समझिए...
वे हर चीज के छोटे छोटे टुकड़े कर उस पर रिसर्च/ व्यहवार और आचरण करते हैं, वे इसी में पारंगत हैं,
उन्होंने #डॉक्टर बनाए फिर उन्हे स्पेशलाइजेशन करवाया और हर अंग के मूल में पहुंचने की कोशिश की।
आंख का डॉक्टर अलग, हड्डी का अलग, नाक कान गला का अलग और जब शरीर पूर्ण हुआ तो उन्होंने औषधि के लिए एमडी मेडिसिन बना दिया।
इसके विपरित #आयुर्वेद #Ayurveda ने साइको सिंथेसिस पर काम किया, वे मानते हैं कि शरीर की कोई भी समस्या पहले लक्षण बताती है कान का इलाज हो या आंख का यह #वात #पित्त #कफ की व्यवस्था असंतुलन से निर्धारित होता है।

ऐसे ही आप पश्चिम और पूरब के #दर्शन और समाज शास्त्र को देखेंगे तो उसमे भी यही पाएंगे।
सनातन व्यवस्था में समाज हो या परिवार  दोनो को हम सम्मलित रूप में देखते हैं, #मतलब संयुक्त रूप में एकीकृत या सामूहिक रूप में देखते हैं पर पश्चिम उसे अलग अलग या न्यूक्लियर/ माइक्रो रूप में देखता और समझता है।
ऐसा ही अंतर आप #मैकाले की शिक्षा नीति  और गुरुकुल व्यवस्था में पाएंगे।
और यही अंतर आप राजनैतिक, आर्थिक और दंड विधान में पाएंगे।
यह सोच का नहीं #दर्शन का फर्क है, और यह बड़ा अंतर है।
#माइक्रो और #मैक्रो का फर्क...
यह सामान्य अंतर नहीं है यह उतना ही बड़ा अंतर है जितना एक सीधे खड़े व्यक्ति और शीर्षासन करते व्यक्ति के देखने में होता है।

भारतीय राजनीति के पिछले 75 वर्ष इसी अंतर की भेंट चढ़ गए।
सारे नेतृत्वकर्ता स्वतंत्रता संग्राम सेनानी #इंग्लैंड में पढ़े थे, उन्होंने पश्चिम के Psycho Analysis को देश पर थोपना चाहा जबकि हम लाखो साल से Psycho synthesis के वाहक रहे....
#वासुदेव_कुटुंबकम के वाहक, हम सम्पूर्ण मानवता को #लंगर खिलाने की ताकत रखते है, वे मां बाप को #वृद्धाश्रम में छोड़कर खुश होते हैं।।
आप किसी भी फील्ड की विवेचना इन सिद्धांतो से कर ले, उत्तर वही होगा।
अब समय बदला है आने वाला समय मनो संश्लेषण का है, दुनिया थक चुकी है इस मनोविश्लेषण से 🙏
#लौटिए_सनातन_की_और
#स्वामी_सच्चिदानंदन_जी_महाराज

टिप्पणियाँ

इस ब्लॉग से लोकप्रिय पोस्ट

भारतीयता और रोमांस (आसक्त प्रेम)

प्रेम विवाह 😂 कहां है प्रेम विवाह सनातन में? कृपया बताएं... जुलाई 14, 2019 रोमांस का अंग्रेजी तर्जुमा है - A feeling of excitement and mystery of love. This is some where near to lust. The indian Love one is with liabilities, sacrifices with feeling of care & love. The word excitement and mystery has not liabilities, sacrifices with feeling of care. प्रेम का अंग्रेज़ी तर्जुमा - An intense feeling of deep affection. मैंने एक फौरी अध्यन किया भारतीय पौराणिक इतिहास का ! बड़ा अजीब लगा - समझ में नहीं आया यह है क्या ? यह बिना रोमांस की परम्परायें जीवित कैसे थी आज तक ? और आज इनके कमजोर होने और रोमांस के प्रबल होने पर भी परिवार कैसे टूट रहे हैं ? भारतीय समाज में प्रेम का अभूतपूर्व स्थान है पर रोमांस का कोई स्थान नहीं रहा ? हरण और वरण की परंपरा रही पर परिवार छोड़ कर किसी से विवाह की परंपरा नहीं रही ! हरण की हुयी स्त्री उसके परिवार की हार का सूचक थी और वरण करती हुयी स्त्री खुद अपना वर चुनती थी पर कुछ शर्तो के साथ पूरे समाज की उपस्तिथि में ! रोमांस की कुछ घटनाएं कृष्ण के पौराणिक काल में सुनने म...

टार्च बेचनेवाले : श्री हरिशंकर परसाई

वह पहले चौराहों पर बिजली के टार्च बेचा करता था । बीच में कुछ दिन वह नहीं दिखा । कल फिर दिखा । मगर इस बार उसने दाढी बढा ली थी और लंबा कुरता पहन रखा था । मैंने पूछा , '' कहाँ रहे ? और यह दाढी क्यों बढा रखी है ? '' उसने जवाब दिया , '' बाहर गया था । '' दाढीवाले सवाल का उसने जवाब यह दिया कि दाढी पर हाथ फेरने लगा । मैंने कहा , '' आज तुम टार्च नहीं बेच रहे हो ? '' उसने कहा , '' वह काम बंद कर दिया । अब तो आत्मा के भीतर टार्च जल उठा है । ये ' सूरजछाप ' टार्च अब व्यर्थ मालूम होते हैं । '' मैंने कहा , '' तुम शायद संन्यास ले रहे हो । जिसकी आत्मा में प्रकाश फैल जाता है , वह इसी तरह हरामखोरी पर उतर आता है । किससे दीक्षा ले आए ? '' मेरी बात से उसे पीडा हुई । उसने कहा , '' ऐसे कठोर वचन मत बोलिए । आत्मा सबकी एक है । मेरी आत्मा को चोट पहुँचाकर...

नेतागिरी : एक कठिन पेशा

नेता और नेतागिरी बड़ी कठिन चीज है। यहां आपको ऐसी समझ चाहिए जो - 1- रॉकेट वैज्ञानिक की बात भी समझ सके और अनपढ़ की भी। 2- आप धनिक वर्ग को भी समझ सकें और निर्धन को भी। 3- आप क्षेत्र, राज्य औ...